इतने सारे फीचर्स होने के बाद भी शाओमी के मोबाइल फ़ोन इतने सस्ते कैसे है?
इसके कई कारण है। एक सामान्य व्यक्ति को शायद ही यह बात समझ मे आये। चीनी कंपनियां कुछ नियम का पालन करती है जो बांकी कंपनियां शायद नही कर पाएंगी। यह उत्तर केवल xiaomi ही नही बल्कि अन्य कंपनियों के सब-ब्रांड्स के ऊपर भी प्रकाश डालेगा।
बहुत कम मुनाफा : चीनी कंपनियां जो आपको सस्ते दाम पर फोन उपलब्ध कराती है उनका profit margin बहुत कम होता है। ये कंपनियां 5–10 % लाभ पर अपको फोन मुहैया कराती हैं। इसके 2 उद्देश्य होते है। एक तो किसी भी बाज़ार (देश का फ़ोन बाजार) पर कब्ज़ा करना। दूसरा अधिक से अधिक मात्रा में फ़ोन बेचना जिससे उन्हें लागत पर लाभ मिले। फिर भी यह मार्जिन काफी कम होता है।
जेनेरिक डिज़ाइन : चीनी फोन बाजार में पहले से बने बनाये, टेस्ट किये हुए डिज़ाइन उपलब्ध रहते है। आपको जो भी डिज़ाइन पसंद है बस पार्ट्स खरीद कर असेंबल कर लीजिए। आपको R&D का खर्चा ही नही है। इससे भी दाम कम होते हैं। यही वजह है भारत मे माइक्रोमैक्स के फ़ोन आपको बिल्कुल चीनी फ़ोन के जैसे लगेंगे।
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इन्वेंटरी /स्टॉक का आभव: ज्यादातर ये कंपनियां फोन की इन्वेंटरी मतलब स्टॉक नही रखती। डिमांड के हिसाब से फोन असेम्बल किए जाते है। गोदाम में रखने का खर्च उठाना पड़ता है जो कि सिक्युरिटी आदि मिला कर काफ़ी महंगा पड़ सकता है। इसलिए आपको flipkart amazon आदि पर चीनी फोनों की flash sale दिखने को मिलती है। ये ज्यादा फ़ोन तब तक नही बेच पाते जब तक एक स्थिर डिमांड मार्किट में पैदा नही होती। दो महीने बाद उसी को रेगुलर कर देते है जब एक निश्चित खपत का निर्धारण हो जाता है।
सस्ते पुर्जे : मान लीजिए कोई नया प्रोसेसर लांच हुआ तो बड़ी कंपनियां जैसे samsung, nokia, आदि उसे खरीदना चाहेंगे। चूंकि वो अपने ग्राहकों को ज्यादा चार्ज करते है इसलिए सबसे बेहतर बैच वाले प्रोसेसर, कैमरा मॉड्यूल, स्क्रीन, बैटरी आदि चाहेंगे जिनमे बहुत कम खराबी हो। चीनी सस्ती कंपनियां उन बैच अथवा लॉट को चुनती है जो या तो ख़ारिज हो गई हो या जिनमे डिफेक्ट ज्यादा होता है। इससे वो पुर्जे भी सस्ते दामों पर खरीद सकते है। फोन खराब हुआ और रिपेयरिंग के लिए आया भी तो सीधा पुर्जा बदल कर दे सकते हैं।
विज्ञापन नही करते : xiaomi ने तो अब विज्ञापन देने शुरू भी किये हैं पर ज्यादातर चीनी कंपनियां विज्ञापन नही देते। इससे उनका काफी धन बचत है। ऑनलाइन विज्ञापन ही इतना हो जाता है कि टीवी आदि माध्यमो की ज़रूरत नही पड़ती।
साफ्टवेयर और ग्राहक सेवा : इन कंपनियों का सॉफ्टवेयर पर कम ध्यान रहता है और ग्राहक सेवा भी बहुत सीमित है। ज़्यादातर चीनी फोन 1 से 1.5 साल चलते है और फिर उन्हें बदलना पड़ता है। लोग भी नए डिज़ाइन आदि से खुश रहते है।
अनावश्यक एप्स/ ब्लोटवेयर : इन चीनी फोन में आपको अनावश्यक apps भी मिलेंगे जैसे कि flipkart, amazon, UC Browser, आदि। ये कंपनियां इन फोन निर्माताओं को अपना एप्प इंस्टाल करने के एवज में पैसे देते है जिससे इनका मूल्य और कम हो जाता है।
आशा करता हूँ आपको समार्टफोन का गणित समझ आया होगा।
धन्यवाद!
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