Captcha What is captcha or Recaptcha | how does Captcha work in Hindi
Captcha || What is captcha or Recaptcha: दोस्तो लाइफ में कभी
कोई वेबसाइट विजिट करेंगे गूगल पर अकाउंट क्रिएट करेंगे या या कोई भी वेबसाइट या
कहीं भी अकाउंट बनाएंगे आपको इन तरीकों के Captcha
देखने
को मिलेंगे| इनको बोला जाता है आपके छोटे-छोटे
एग्जामस हो रहे हैं लेकिन रुकिए-रुकिए कभी आपने सोचा है यह कैपचर्स मुझे दिखाया
क्यों जाता है? क्यों मुझे बार बार दिखा दिखा कर मेरा
टाइम वेस्ट कर रहा है?
यहां पर आपको पता होगा तत्काल टिकट एक ऐसा सिस्टम है जिसमें ट्रेन में रिजर्वेशन मिल जाता है आपको वह भी एक दिन पहले तो दोस्तों 11:00 बजे स्लीपर क्लास का तत्काल खुलता है 10:00 बजे एसी का तत्काल खुलता है अब देखिए मुझे तत्काल में टिकट बुक करना है तो मैं क्या करूंगा? मैं 10:00 बजे बैठा रहूंगा या 11:00 बजे बैठा रहूंगा 11:00 बजे जैसे ओपन होगा मैं जाऊंगा वेबसाइट पर लॉगिन करूंगा लॉगइन करने के बाद सारी ट्रेन सिलेक्ट करूंगा कौन सी ट्रेन में करना है सारी डिटेल इंटर करूंगा फिर पेमेंट करूंगा इसमें मुझे लग जाएंगे 1 से 2 मिनट मिनिमम मतलब 2 से 3 मिनट तो लगने ही वाले हैं एक टिकट बुक करने में|
मगर इससे पहले और किसी ने कर दिया तो वह साड़ी टिकट उनके पास चली गई मेरे पास कुछ नहीं बचा यहां पर मैं एक प्रोग्रामर हूं मेरा दिमाग कोडिंग में चलता है तो मैं एक स्क्रिप्ट बना सकता हूं सॉफ्टवेर बना सकता हूं या बोले तो एक रोबोट बना सकता हूं|
मुझे सिर्फ यह करना है सारी चीजें पहले से उसको बता कर रखूंगा बस मुझे 11:00 बजे इसको ओपन करना है तो ऑटोमेटिकली जो चीजें मैं करता वह मेरी सॉफ्टवेर करेगी वेबसाइट पर लॉगइन करेगी इंफॉर्मेशन भरेगी पेमेंट करेगी तो मैं जो चीजें करता जिसने मुझे एक से 2 मिनट लग जाते स्क्रिप्ट से रोबोट के जरिए से उस कोड से मैं ऑटोमेटिकली 10 सेकंड में कर लूंगा|
तो सारी चीजें तत्काल टिकट में 2 मिनट में बुक करता वह 10 सेकंड में बुक हो जाएगी तो यहां पर सबसे बड़ा डाउट यही था सारी वेबसाइट वाले के लिए सारी चीजों के लिए सारी दुनिया के लिए कैसे पता लगाया जाए वह एक पार्टीकूलर ह्यूमन है यानी रियल इंसान है बंदा है या फिर वह एक रोबोट है| ताकि उस हिसाब से हमारी वेबसाइट के अंदर सारे प्रिकॉशन कर सके दरवाजा बंद कर सके|
तो अगर स्क्रिप्ट ही बन गई तत्काल खुलते ही खत्म हो जाएगा लोगों तक चीजें नहीं पहुंचेंगे तो यहां पर कॉन्सेप्ट बताया गया है Captcha का यह जो Captcha है यह शॉर्ट फॉर्म है इसका अगर फुल फॉर्म देखें तो होता है (Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart) इसको लाया ही इसलिए गया था जितनी भी इस टाइम स्कैम हो रही है, बहुत सारे रोबोट घूम रहे हैं| जो सारे वेबसाइट को खराब कर रहे हैं मतलब एक एक सेकंड में लाख-लाख रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं जीमेल आईडी के अंदर जीमेल आईडी बना रहे हैं एक एक सेकंड में लाख-लाख जीमेल आईडी बना कर रख देते हैं इन सब को रोकने के लिए ही लाया गया था|
इससे यह पता लगाया जाता है कि आप एक ह्यूमन है या एक रोबोट है इसके अंदर जो पीछे टेक्नोलॉजी यूज होती है वह यह होती है कि यह कैसे पता लगाया जाए यहां पर लोगों ने दिमाग लगाया 2013 में एक Captcha डिजाइन हुआ इसमें यह होता है आपको अलग अलग लेटर दिखाए जाते हैं यहां पर ह्यूमन अपनी आंखों से देख सकता है वह जो चीजें दिखा रहे हैं वर्ड दिखा रहे हैं उसको टेढ़ा-मेढ़ा करके करके पीछे बहुत सारे नॉइस डाल देते हैं| ताकि एकदम से अगर कोई कंप्यूटर पढ़े तो उसको समझ ना पाए ह्यूमन अपनी आंखों से उसको समझ ले और उसको टाइप करके सबमिट करें इससे पता लगाया जाए के आप एक ही ह्युमन हो या रोबोट हो|
तो यहां पर यह बनने के बाद और एडवांस कराया गया उसके बाद यह हुआ कि लोगों ने सोचा अलग-अलग डिजाइन क्यों दिखाना अल्फाबेट्स क्यों दिखाना कुछ मीनिंगफुल चीज है दिखाते हैं इसी लिए इसके एक Recaptcha बनाया गया एक कंपनी ने स्कोर डिजाइन किया इसका मोटिव था कि यह जो फालतू चीज है दिखाने से अच्छा कोई अलग दिखाते हैं तो इन लोगों ने यह किया जितने बुक्स होते हैं मार्केट में सारे बुक्स को स्कैन करा|
और यहां पर एक टेक्नोलॉजी और है इसको बोलते हैं| (OCR) ऑप्टिकल करैक्टर रिकॉग्नाइजेशन रिकॉग्निशन इससे यह होता है अगर आपको इमेज दिखाते हैं कंप्यूटर को वह स्कैन करके बता सकता है उस को टेक्स्ट में कन्वर्ट कर सकता है|
तो इससे दिक्कत यह थी जो चीज है हम दिखा रहे थे
कंप्यूटर से स्कैन करके वर्ड में कन्वर्ट कर देगा तो फायदा ही क्या हुआ दिखाने का तो इन लोगों ने क्या किया जितनी बुक्स थी मार्केट के अंदर उसको स्कैन करा|
और यहां पर कंप्यूटर को बोला यह पढ़-पढ़ के बताओ क्या क्या पढ़ पा रहे हो क्या क्या नहीं पढ़ पा रहे हो तो कंप्यूटर ने बहुत सारे वर्ड्स बताएं जो नहीं पढ़ पा रहे थे उन वर्ड़ों को उठा-उठाकर Captcha में डाल दिया क्योंकि वह वर्ड कंप्यूटर नहीं पढ़ पा रहा है तो कोई उसको ऑटोमेटिकली टेक्स्ट में कन्वर्ट नहीं कर पाएगा
तो उसके बाद अब सारा Captcha बना फिर Captcha का Recaptcha बना उसमें आपको बुक्स के वर्ड्स दिखाए जाते हैं उसको थोड़ा टेरा मेडा कर दिया जाता था ताकि पता नहीं चल पाए लेकिन यह सब चीजें चलती रही|
उसके बाद 2009 में गूगल आया गूगल के सामने भी ऐसी चीजें रखी गई कैसे हो रही है गूगल के अंदर गूगल के सर्च इंजन में या फिर जीमेल के अन्दर उसने इस्तेमाल किया और फिर यह जो कंपनियां है Recaptcha का उसको ही गूगल ने खरीद लिया 2009 में Recaptcha बिक गई गूगल के पास गूगल ने अपना दिमाग लगाकर किसको और कितना अच्छा बनाया जाए? क्योंकि बार-बार लोगों से टेक्स्ट लिखवाना बहुत गलत है|
मतलब लोग इससे टाइम वेस्ट होता है यहां पर गूगल कुछ कर पाता इससे पहले बहुत सारी कंपनियां मार्केट में आ गई वह यह बोलने लगी बंदे बिठा दिए और लोगों ने बोल दिया उन कंपनी को आप पैसा दोगे तो ऑटोमेटिकली आपकी Captcha वह लोग सॉल्व करेंगे उसके लिए एक स्क्रिप्ट बन गई और ऑटोमेटिकली वह चीजें बायपास हो जाती थी अब यह पेड़ सर्विस बन गई|
Captcha भरवा लो पैसे कमा लो उसके बाद गूगल ने दिमाग लगाया बार बार लिखवाने से अच्छा है इसको और एडवांस बनाया जाए गूगल ने एक नया Captcha लॉन्च किया जिसका नाम बोला गया Nocaptcha इसका मतलब यह है कि आप लोगों ने आजकल देखा होगा Captcha गूगल की वेबसाइट पर मिलेंगे जिसमें लिखा होता है आई एम नॉट रोबोट|
इसमें यह है कि इसमें आपको सिर्फ क्लिक करना है वहां पर अगर राइट के लिए आ गया ग्रीन कलर में आप वहां पर उस लेवल को पार कर गए|
अब आपके दिमाग में यह होता होगा अगर मैं क्लिक कर सकता हूं तो रोबोट भी क्लिक कर सकता है स्क्रिप्ट भी क्लिक कर सकता है यहां पर दिक्कत यह है की जब आपके क्लिक करते हैं तो बहुत सारे इंफॉर्मेशन आपके कंप्यूटर से आपके मोबाइल से उठाकर वह गूगल के पास जाती है|
क्या क्या जाती है? आपकी आईपी ऐड्रेस जाती है| आपकी कंट्री का लोकेशन जाती है सिटी की लोकेशन चाहिए आप जो इस पर क्लिक कर रहे थे आपका कॉमेंट किस तरह आया क्या वह सीधा आया यह सारी इनफार्मेशन जाती है कितनी बार आप उस पर स्क्रोल कर रहेहो कितने टाइम से आप उस पेज पर हो यह सारी इनफार्मेशन आईपी ऐड्रेस के साथ जाती है|
गूगल के सरवर में मशीन लैंग्वेज यूज होती है पता लगाया जाता है ऐसी चीजें आ रही है बिहेवियर आ रहा है आपका उस पर क्लिक करने का तो वह क्या ह्यूमन है या रोबोट का है 95% पर्सनली अगर गूगल खोज गूगल के सर्वर को लगता है यही ह्यूमन है तो वहां पर क्लिक कर देगा ऑटोमेटिकली आप आगे चले जाओगे लेकिन अगर उसको 5% से 10% परसेंट भी लगता है यह रोबोट है ऑटोमेटिकली रोक देगा आपको जो वहां पर इमेजेस दिखाए जाएंगे फिर आप से पूछा जाएगा कार को टिक करो या बस को टिक करो स्ट्रीट सिग्नल को टिक करो उस हिसाब से आप एक दो बार करोगे उसको वेरीफाई करोगे तो आप की आईडी भी वाइट लिस्ट कर देगा|
तो आपके लिए भी वह ठीक आ जाएगा इस तरीके से नया Captcha बन गया जिसको नोCaptcha बोला गया जिसमें आपको कुछ करना नहीं है| आपको सिर्फ क्लिक-क्लिक करके सारी चीजें फॉलो करना है यहां पर जो Captcha है बहुत सारे मतलब एक तरह से बोल सकते हैं मसीहा है सारी वेबसाइट का सारे फ्रोड को रोकने का क्योंकि स्क्रिप्ट होता है कभी भी बना कर सकते हैं|
तो इस तरह आप भी अपनी वेबसाइट को सिक्योर कर सकते हैं Captcha दे कर के अगर किसी को आपके साथ दुश्मनी होगी वेबसाइट को बंद करवाना होगा डेटाबेस फुल करवाना होगा तो यह सारी स्क्रिप्ट बनाकर आपकी वेबसाइट को भर देगा इसलिए पहले से कोई प्रिकॉशन ले लो अगर कोई Captcha लगा देते हैं अपनी वेबसाइट पर और उसको बाईपास ना कर पाते हैं तो यहां पर अलग-अलग जो वेबसाइट हैं अलग-अलग कैसे यूज करते हैं फेसबुक ने खुद का Captcha बनाया हुआ है गूगल में यह Recptcha चलता है|
औरयहाँ पर Captcha सही भरना पड़ेगा नहीं तो आपको रोबोट समझ कर हटा देगा अगर आप नहीं भर पा रहे हो तो आप जाइए आईने के सामने और अपने आप से पूछिए क्या आप एक ह्यूमन है या रोबोट है|
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How does Captcha work in Hindi
इससे होता क्या है सो दोस्तों चलिए स्टार्ट करते हैं मैं आपको बता दूं यह Captcha क्या है क्यों लाया गया इससे होता क्या है? इससे पहले एक छोटा सा एक्साम्ब्ले से समझते हैं मान लीजिए IRCTC का नाम आपने सुना होगा जितनी ट्रेन चल रही है यह सारी ट्रेनों की रिजर्वेशन इसी वेबसाइट से होती हैयहां पर आपको पता होगा तत्काल टिकट एक ऐसा सिस्टम है जिसमें ट्रेन में रिजर्वेशन मिल जाता है आपको वह भी एक दिन पहले तो दोस्तों 11:00 बजे स्लीपर क्लास का तत्काल खुलता है 10:00 बजे एसी का तत्काल खुलता है अब देखिए मुझे तत्काल में टिकट बुक करना है तो मैं क्या करूंगा? मैं 10:00 बजे बैठा रहूंगा या 11:00 बजे बैठा रहूंगा 11:00 बजे जैसे ओपन होगा मैं जाऊंगा वेबसाइट पर लॉगिन करूंगा लॉगइन करने के बाद सारी ट्रेन सिलेक्ट करूंगा कौन सी ट्रेन में करना है सारी डिटेल इंटर करूंगा फिर पेमेंट करूंगा इसमें मुझे लग जाएंगे 1 से 2 मिनट मिनिमम मतलब 2 से 3 मिनट तो लगने ही वाले हैं एक टिकट बुक करने में|
मगर इससे पहले और किसी ने कर दिया तो वह साड़ी टिकट उनके पास चली गई मेरे पास कुछ नहीं बचा यहां पर मैं एक प्रोग्रामर हूं मेरा दिमाग कोडिंग में चलता है तो मैं एक स्क्रिप्ट बना सकता हूं सॉफ्टवेर बना सकता हूं या बोले तो एक रोबोट बना सकता हूं|
मुझे सिर्फ यह करना है सारी चीजें पहले से उसको बता कर रखूंगा बस मुझे 11:00 बजे इसको ओपन करना है तो ऑटोमेटिकली जो चीजें मैं करता वह मेरी सॉफ्टवेर करेगी वेबसाइट पर लॉगइन करेगी इंफॉर्मेशन भरेगी पेमेंट करेगी तो मैं जो चीजें करता जिसने मुझे एक से 2 मिनट लग जाते स्क्रिप्ट से रोबोट के जरिए से उस कोड से मैं ऑटोमेटिकली 10 सेकंड में कर लूंगा|
तो सारी चीजें तत्काल टिकट में 2 मिनट में बुक करता वह 10 सेकंड में बुक हो जाएगी तो यहां पर सबसे बड़ा डाउट यही था सारी वेबसाइट वाले के लिए सारी चीजों के लिए सारी दुनिया के लिए कैसे पता लगाया जाए वह एक पार्टीकूलर ह्यूमन है यानी रियल इंसान है बंदा है या फिर वह एक रोबोट है| ताकि उस हिसाब से हमारी वेबसाइट के अंदर सारे प्रिकॉशन कर सके दरवाजा बंद कर सके|
तो अगर स्क्रिप्ट ही बन गई तत्काल खुलते ही खत्म हो जाएगा लोगों तक चीजें नहीं पहुंचेंगे तो यहां पर कॉन्सेप्ट बताया गया है Captcha का यह जो Captcha है यह शॉर्ट फॉर्म है इसका अगर फुल फॉर्म देखें तो होता है (Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart) इसको लाया ही इसलिए गया था जितनी भी इस टाइम स्कैम हो रही है, बहुत सारे रोबोट घूम रहे हैं| जो सारे वेबसाइट को खराब कर रहे हैं मतलब एक एक सेकंड में लाख-लाख रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं जीमेल आईडी के अंदर जीमेल आईडी बना रहे हैं एक एक सेकंड में लाख-लाख जीमेल आईडी बना कर रख देते हैं इन सब को रोकने के लिए ही लाया गया था|
इससे यह पता लगाया जाता है कि आप एक ह्यूमन है या एक रोबोट है इसके अंदर जो पीछे टेक्नोलॉजी यूज होती है वह यह होती है कि यह कैसे पता लगाया जाए यहां पर लोगों ने दिमाग लगाया 2013 में एक Captcha डिजाइन हुआ इसमें यह होता है आपको अलग अलग लेटर दिखाए जाते हैं यहां पर ह्यूमन अपनी आंखों से देख सकता है वह जो चीजें दिखा रहे हैं वर्ड दिखा रहे हैं उसको टेढ़ा-मेढ़ा करके करके पीछे बहुत सारे नॉइस डाल देते हैं| ताकि एकदम से अगर कोई कंप्यूटर पढ़े तो उसको समझ ना पाए ह्यूमन अपनी आंखों से उसको समझ ले और उसको टाइप करके सबमिट करें इससे पता लगाया जाए के आप एक ही ह्युमन हो या रोबोट हो|
तो यहां पर यह बनने के बाद और एडवांस कराया गया उसके बाद यह हुआ कि लोगों ने सोचा अलग-अलग डिजाइन क्यों दिखाना अल्फाबेट्स क्यों दिखाना कुछ मीनिंगफुल चीज है दिखाते हैं इसी लिए इसके एक Recaptcha बनाया गया एक कंपनी ने स्कोर डिजाइन किया इसका मोटिव था कि यह जो फालतू चीज है दिखाने से अच्छा कोई अलग दिखाते हैं तो इन लोगों ने यह किया जितने बुक्स होते हैं मार्केट में सारे बुक्स को स्कैन करा|
और यहां पर एक टेक्नोलॉजी और है इसको बोलते हैं| (OCR) ऑप्टिकल करैक्टर रिकॉग्नाइजेशन रिकॉग्निशन इससे यह होता है अगर आपको इमेज दिखाते हैं कंप्यूटर को वह स्कैन करके बता सकता है उस को टेक्स्ट में कन्वर्ट कर सकता है|
तो इससे दिक्कत यह थी जो चीज है हम दिखा रहे थे
कंप्यूटर से स्कैन करके वर्ड में कन्वर्ट कर देगा तो फायदा ही क्या हुआ दिखाने का तो इन लोगों ने क्या किया जितनी बुक्स थी मार्केट के अंदर उसको स्कैन करा|
और यहां पर कंप्यूटर को बोला यह पढ़-पढ़ के बताओ क्या क्या पढ़ पा रहे हो क्या क्या नहीं पढ़ पा रहे हो तो कंप्यूटर ने बहुत सारे वर्ड्स बताएं जो नहीं पढ़ पा रहे थे उन वर्ड़ों को उठा-उठाकर Captcha में डाल दिया क्योंकि वह वर्ड कंप्यूटर नहीं पढ़ पा रहा है तो कोई उसको ऑटोमेटिकली टेक्स्ट में कन्वर्ट नहीं कर पाएगा
तो उसके बाद अब सारा Captcha बना फिर Captcha का Recaptcha बना उसमें आपको बुक्स के वर्ड्स दिखाए जाते हैं उसको थोड़ा टेरा मेडा कर दिया जाता था ताकि पता नहीं चल पाए लेकिन यह सब चीजें चलती रही|
उसके बाद 2009 में गूगल आया गूगल के सामने भी ऐसी चीजें रखी गई कैसे हो रही है गूगल के अंदर गूगल के सर्च इंजन में या फिर जीमेल के अन्दर उसने इस्तेमाल किया और फिर यह जो कंपनियां है Recaptcha का उसको ही गूगल ने खरीद लिया 2009 में Recaptcha बिक गई गूगल के पास गूगल ने अपना दिमाग लगाकर किसको और कितना अच्छा बनाया जाए? क्योंकि बार-बार लोगों से टेक्स्ट लिखवाना बहुत गलत है|
मतलब लोग इससे टाइम वेस्ट होता है यहां पर गूगल कुछ कर पाता इससे पहले बहुत सारी कंपनियां मार्केट में आ गई वह यह बोलने लगी बंदे बिठा दिए और लोगों ने बोल दिया उन कंपनी को आप पैसा दोगे तो ऑटोमेटिकली आपकी Captcha वह लोग सॉल्व करेंगे उसके लिए एक स्क्रिप्ट बन गई और ऑटोमेटिकली वह चीजें बायपास हो जाती थी अब यह पेड़ सर्विस बन गई|
Captcha भरवा लो पैसे कमा लो उसके बाद गूगल ने दिमाग लगाया बार बार लिखवाने से अच्छा है इसको और एडवांस बनाया जाए गूगल ने एक नया Captcha लॉन्च किया जिसका नाम बोला गया Nocaptcha इसका मतलब यह है कि आप लोगों ने आजकल देखा होगा Captcha गूगल की वेबसाइट पर मिलेंगे जिसमें लिखा होता है आई एम नॉट रोबोट|
इसमें यह है कि इसमें आपको सिर्फ क्लिक करना है वहां पर अगर राइट के लिए आ गया ग्रीन कलर में आप वहां पर उस लेवल को पार कर गए|
अब आपके दिमाग में यह होता होगा अगर मैं क्लिक कर सकता हूं तो रोबोट भी क्लिक कर सकता है स्क्रिप्ट भी क्लिक कर सकता है यहां पर दिक्कत यह है की जब आपके क्लिक करते हैं तो बहुत सारे इंफॉर्मेशन आपके कंप्यूटर से आपके मोबाइल से उठाकर वह गूगल के पास जाती है|
क्या क्या जाती है? आपकी आईपी ऐड्रेस जाती है| आपकी कंट्री का लोकेशन जाती है सिटी की लोकेशन चाहिए आप जो इस पर क्लिक कर रहे थे आपका कॉमेंट किस तरह आया क्या वह सीधा आया यह सारी इनफार्मेशन जाती है कितनी बार आप उस पर स्क्रोल कर रहेहो कितने टाइम से आप उस पेज पर हो यह सारी इनफार्मेशन आईपी ऐड्रेस के साथ जाती है|
गूगल के सरवर में मशीन लैंग्वेज यूज होती है पता लगाया जाता है ऐसी चीजें आ रही है बिहेवियर आ रहा है आपका उस पर क्लिक करने का तो वह क्या ह्यूमन है या रोबोट का है 95% पर्सनली अगर गूगल खोज गूगल के सर्वर को लगता है यही ह्यूमन है तो वहां पर क्लिक कर देगा ऑटोमेटिकली आप आगे चले जाओगे लेकिन अगर उसको 5% से 10% परसेंट भी लगता है यह रोबोट है ऑटोमेटिकली रोक देगा आपको जो वहां पर इमेजेस दिखाए जाएंगे फिर आप से पूछा जाएगा कार को टिक करो या बस को टिक करो स्ट्रीट सिग्नल को टिक करो उस हिसाब से आप एक दो बार करोगे उसको वेरीफाई करोगे तो आप की आईडी भी वाइट लिस्ट कर देगा|
तो आपके लिए भी वह ठीक आ जाएगा इस तरीके से नया Captcha बन गया जिसको नोCaptcha बोला गया जिसमें आपको कुछ करना नहीं है| आपको सिर्फ क्लिक-क्लिक करके सारी चीजें फॉलो करना है यहां पर जो Captcha है बहुत सारे मतलब एक तरह से बोल सकते हैं मसीहा है सारी वेबसाइट का सारे फ्रोड को रोकने का क्योंकि स्क्रिप्ट होता है कभी भी बना कर सकते हैं|
तो इस तरह आप भी अपनी वेबसाइट को सिक्योर कर सकते हैं Captcha दे कर के अगर किसी को आपके साथ दुश्मनी होगी वेबसाइट को बंद करवाना होगा डेटाबेस फुल करवाना होगा तो यह सारी स्क्रिप्ट बनाकर आपकी वेबसाइट को भर देगा इसलिए पहले से कोई प्रिकॉशन ले लो अगर कोई Captcha लगा देते हैं अपनी वेबसाइट पर और उसको बाईपास ना कर पाते हैं तो यहां पर अलग-अलग जो वेबसाइट हैं अलग-अलग कैसे यूज करते हैं फेसबुक ने खुद का Captcha बनाया हुआ है गूगल में यह Recptcha चलता है|
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औरयहाँ पर Captcha सही भरना पड़ेगा नहीं तो आपको रोबोट समझ कर हटा देगा अगर आप नहीं भर पा रहे हो तो आप जाइए आईने के सामने और अपने आप से पूछिए क्या आप एक ह्यूमन है या रोबोट है|
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